बागपत। अबीर गुलाल और पिचकारियों से बाजारों में रोनक बढ़ गई है। विभिन्न तरह की पिचकारियां बच्चों को भा रही है। अलग-अलग तरह के रंगों को खरीदने के लिए लोग दुकानों पर पहुंच रहे है। घरों में होली को लेकर मिठाईयां बनाई जा रही है, सबसे ज्यादा गुंजिया की महक से मोहल्ले और गलियां महकी हुई है। बच्चों ने रंगबिरंगों गुब्बासों से होली का स्वागत करना शुरू कर दिया है।
दस मार्च को रंगोत्सव मनाया जाएगा। त्योहार के चलते बाजारों में बच्चों को लुभाने के लिए विभिन्न तरह की पिचकारियां दुकानों पर सजी हुई है। मोदी मुखौटा बच्चों को खूब पसंद किया जा रहा है। पानी से गुब्बारे भरने वाली पिचकारी को भी बच्चे खरीद रहे है। बैग वाली, विभिन्न तरह की वाटर गन, रंगबिरंगे बिग, कार्टून वाली पिचाकरियों ने बच्चों को शंका में डाला हुआ है किस-किस को खरीदे। रंग बिरंगे गुब्बारे की भी खरीददारी की जा रही है। वहीं बड़े भी गुलाल की खरीददारी कर रहे है। दुकानदार नरेश, विजय, अमित गुप्ता ने बताया कि पिचकारियां तो खूब बिक रही हैं, लेकिन इस बार गुलाल खरीदते हुए लोग डरे हुए। हर्बल गुलाल की सबसे ज्यादा बिक्री हो रही है। वहीं पक्के रंगों की भी बहुत कम मात्रा में बिक्री हुई है। वहीं त्योहार के चलते मिठाईयां भी घरों में बनाई जा रही है। सबसे ज्यादा गुजिया की महक गली-मोहल्लों से निकल रही है। पकवान की भी तैयारियां की जा रही है। आंख और त्वचा का रखें ख्याल होली पर आंख और त्वचा की सुरक्षा करने की बेहत ज्यादा जरूरत है। चेहरे पर ज्यादा रंग न लगाए, क्योंकि इंफैक्शन का खतरा है। नेत्र परीक्षण अधिकारी डॉ. अरिवंद नरूला ने बताया कि अगर आंख में रंग गिर जाए तो तुरंत ठंडे पानी से छिटे मारने चाहिए। आरओ के पानी से आंखे साफ करें। किसी भी तरह की दिक्कत महसूस हो तो नेत्र विशेषज्ञ डॉक्टर से उपचार करवाए। जिला अस्पताल में तैनात तत्काली सीएमओ डॉ. जितेंद्र वर्मा ने बताया कि हर्बल रंगों का इस्तेमाल किया जाए। अगर इससे भी किसी हो एलर्जी है तो वो भी किसी को नहीं लगाना चाहिए। माथों पर तिलक करके होली का त्योहार मनाए।